Indian Railways प्रतिदिन हजारों ट्रेनों का संचालन करता है। जिसमें प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। रेलवे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए ट्रेन चलाने के लिए विभिन्न प्रकार की पटरियों का प्रयोग करता है। इन सभी प्रकार की पटरियों के बारे में सबको जानकारी नहीं होती हैं।
आज हम आपको अपने आर्टिकल में लूप लाइन और मैन लाइन के बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारत में सन् 2019 तक कुल 67,956 किलोमीटर की पटरी थी। अगर रनिंग ट्रैक को मिला दिया जाए तो इसकी कुल लंबाई 99,235 किलोमीटर थी। इसके साथ साथ यदि यार्ड व साइडिंग ट्रैक को भी जोड़ दिया जाए तो पटरियो की कुल लंबाई 1,26,000 किलोमीटर से भी ज्यादा थी।
Indian Railways में मैन लाइन
मैन लाइन में Indian Railways ट्रेनों का संचालन करता है। इसी पटरी में ट्रेन चलती है। यह लाइन भी दो प्रकार की होती हैं। मैन लाइन अप और मैन लाइन डाउन। यह लाइन लूप लाइन से जुडी हुई होती हैं। इसी लाइन की मदद से ट्रेन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता हैं। और उसके बाद वापस लाया जाता हैं।
लूप लाइन
लूप लाइन को ट्रेन के रुकने के लिए बनाया जाता हैं। इसे स्टेशन के पास बनाया जाता हैं। यदि किसी ट्रेन को रास्ता देना हो तो इस लाइन का प्रयोग किया जाता हैं। इस लाइन की लंबाई 750 मीटर की होती है। क्योंकि किसी भी ट्रेन की अधिकतम लंबाई 750 मीटर होती हैं।
यह लूप लाइन मैन लाइन से जुडी हुई होती हैं। इस लाइन की मदद से किसी भी ट्रेन को मैन लाइन से अलग किया जा सकता हैं। हाल ही में ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में इस बात की आंशका जताई जा रही हैं कि ट्रेन मैन लाइन से लूप लाइन में आ गई इसलिए यह हादसा हुआ है। हालांकि इस मामले में जांच होना अभी बाकी हैं।
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